2024 में आयोजित 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने भारतीय सिनेमा की उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित किया, जो इसकी विविधता और समृद्धि को दर्शाता है। इस प्रतिष्ठित समारोह में विभिन्न भाषाओं और शैलियों की बेहतरीन फिल्मों, अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं को पुरस्कृत किया गया, जो भारतीय फिल्म निर्माण की अनूठी क्षमता को उजागर करता है।
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का सम्मान – मलयालम फिल्म ‘आट्टम’ 2024
इस वर्ष की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का शीर्ष सम्मान मलयालम फिल्म आट्टम को मिला, जो क्षेत्रीय सिनेमा की बढ़ती ताकत और प्रभाव को दर्शाता है। इस फिल्म की सफलता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारतीय क्षेत्रीय सिनेमा, विषय वस्तु और प्रस्तुति में अपनी पहचान बनाने में सक्षम है।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता – ऋषभ शेट्टी (कांतारा)2024
कन्नड़ फिल्म कांतारा के लिए ऋषभ शेट्टी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता। यह फिल्म सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म का भी पुरस्कार पाने में सफल रही। ऋषभ शेट्टी का अभिनय और इस फिल्म की समग्र प्रस्तुति ने दर्शकों और समीक्षकों को समान रूप से प्रभावित किया है।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – नित्या मेनन और मानसी पारेख
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार इस वर्ष दो अद्वितीय प्रतिभाओं, नित्या मेनन (तिरुचित्रंबलम) और मानसी पारेख (द कच्छ एक्सप्रेस) के बीच साझा किया गया। दोनों अभिनेत्रियों ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी, जिससे दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहीं।
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक – सूरज बड़जात्या (ऊंचाई)
इस वर्ष के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार हिंदी फिल्म ऊंचाई के लिए प्रतिष्ठित निर्देशक सूरज बड़जात्या को मिला। उनकी फिल्म की गहराई, कहानी कहने की शैली और निर्देशन ने इसे एक यादगार फिल्म बना दिया है।
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और अभिनेत्री
फौजा में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पवन राज मल्होत्रा ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीता, जबकि नीना गुप्ता ने फिल्म ऊंचाई में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार हासिल किया। दोनों ही कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं को बखूबी निभाया, जिसने इन्हें यह सम्मान दिलाया।
अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार
ब्रह्मास्त्र: पार्ट 1 – शिवा ने इस वर्ष कई पुरस्कार अपने नाम किए, जिनमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक) और सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के रूप में अरिजीत सिंह का “केसरिया” शामिल है।
केजीएफ चैप्टर 2 को सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फीचर फिल्म के रूप में मान्यता मिली। यह फिल्म दक्षिण भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।
भारतीय सिनेमा के बदलते परिदृश्य की झलक
2024 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने न केवल प्रतिष्ठित नामों को सम्मानित किया बल्कि उभरती प्रतिभाओं और क्षेत्रीय फिल्मों को भी उजागर किया। यह पुरस्कार समारोह भारतीय सिनेमा के बदलते परिदृश्य को दर्शाता है, जहां विविधता और समृद्धि प्रमुख तत्व हैं। यह समारोह न सिर्फ मुख्यधारा की फिल्मों बल्कि क्षेत्रीय और स्वतंत्र सिनेमा की अद्वितीयता को भी दर्शाता है।
निष्कर्ष: इस वर्ष के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने भारतीय सिनेमा की व्यापकता और विविधता को उजागर किया। मलयालम से लेकर कन्नड़ और हिंदी फिल्मों तक, हर भाषा और शैली की फिल्मों को एक समान सम्मान मिला। भारतीय सिनेमा में नई प्रतिभाओं और रचनात्मकता की लहर आने वाले समय में और भी ऊंचाइयां छूएगी।