जमशेदपुर, 27 अक्टूबर: आयकर विभाग की जमशेदपुर में जारी छापेमारी तीसरे दिन में प्रवेश कर चुकी है, जिसमें 200 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण अनियमितताएं सामने आई हैं। इस जांच का उद्देश्य स्थानीय प्रमुख व्यवसायियों जैसे संजय भलोटिया, राजू भलोटिया, संजय पलसानिया और जितू गर्ग पर ध्यान केंद्रित करना है, जबकि शरद पोद्दार और उनके सहयोगियों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
यह ऑपरेशन सीएच एरिया, बिष्टुपुर, जुगसलाई और आदित्यपुर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में शुरू हुआ, जिसमें व्यवसायिक लेनदेन और संपत्तियों की गहन जांच की जा रही है। इस जांच के लिए बेंगलुरु और हैदराबाद से एक विशेषज्ञ टीम बुलाई गई है, जो संबंधित व्यवसायियों के मोबाइल फोन का विश्लेषण कर रही है। इस टीम का उद्देश्य नकद लेनदेन और अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना है।
अब तक की जांच में कई काल्पनिक कंपनियों के माध्यम से किए गए निवेशों का खुलासा हुआ है, जिससे इन व्यवसायों की वैधता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि आयकर विभाग ने अपनी खोज के बारे में विशेष विवरण का खुलासा नहीं किया है, प्रवर्तन निदेशालय के सहयोग से स्थिति की गंभीरता का संकेत मिलता है। बिष्टुपुर में तिवारी बेचार के दो कार्यालयों को सील कर दिया गया है, और विभिन्न व्यवसायों के स्टाफ सदस्यों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।
छापेमारी में अब तक महत्वपूर्ण बरामदगी हुई है, जिसमें बड़ी मात्रा में आभूषण और कई बैंक लॉकरों को सील करना शामिल है। ऑपरेशन के दूसरे दिन जांचकर्ताओं ने जमशेदपुर के कई इस्पात व्यवसाय स्थानों पर 100 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया, जो आभूषण और अन्य चल-अचल संपत्तियों से संबंधित थे।
आयकर विभाग का यह ऑपरेशन व्यापक रूप से 15 स्थानों को लक्षित कर रहा है, जो स्थानीय इस्पात और इनगट उद्योग से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों से संबंधित हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई श्वेतपोश व्यवसायी खुद को इस विस्तारित जांच में उलझा हुआ पा सकते हैं, जो इस क्षेत्र में वित्तीय कदाचार की हद को उजागर करने के लिए तैयार है।